मिर्च की खेती कैसे करें
मिर्च की फसल नगदी फसल के रूप में की जाती है. इसकी खेती कर किसान भाई कम समय में ज्यादा कमाई कर सकते है. मिर्च
Kisankhetiganga.com विन्ध्य गंगे फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड, पंजीकृत कार्यालय-डी-2/362, विकल्पखण्ड, गोमती नगर, लखनऊ-226010 के पूर्ण स्वामित्व का डोमेन नाम है। इस वेब साइट में कृषि जगत से जुड़ी विभिन्न जानकारियों का समावेश किया गया है, ताकि देश के कृषक वर्ग इससे लाभान्वित हो सकें। वेब साइट में जो भी जानकारी दी गयी है, वह विभिन्न पत्रिकाओं, कृषि शोध संस्थानों और विश्व विद्यालयों के प्रोफेसर/कृषि वैज्ञानिकों द्वारा लिखी गयी है, कुछ सामाग्री अन्य वेबासाइट से ग्रहण की गयी है, जिसके लये संस्था आभार व्यक्त करती है।
वर्ष 2013 में कृषि मंत्रालय, भारत साकार द्वारा कृषि के क्षेत्र में सहकारिता के माध्यम से आमूल-चूल परिवर्तन किये जाने हेतु कृषि उत्पादक संगठन (Farmer Producer Organization – FPO) का गठन पूरे देश में किये जाने हेतु विस्तृत दिशा निर्देश/पालिसी निर्गत किया गया। वर्तमान समय में FPO का गठन सोसाइटी एक्ट 1860 (यथा संशोधित), ट्रस्ट एक्ट 1882 तथा नयी बनी कम्पनी एक्ट 2013 के अन्तर्गत किये जाने की व्यवस्था की गयी है। Read More..
मिर्च की फसल नगदी फसल के रूप में की जाती है. इसकी खेती कर किसान भाई कम समय में ज्यादा कमाई कर सकते है. मिर्च
IFFCO Kisan नैनो यूरिया नैनो तकनीकी पर आधारित एक अनूठा उर्वरक है जो कि विश्व में पहली बार विकसित किया गया है तथा भारत सरकार
पपीते की एक खास किस्म पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना द्वारा विकसित की गई है, जिसे ‘रैड लेडी’ नाम दिया गया है. यह एक संकर किस्म
MACS 6478 भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्त संस्थान, अघारकरअनुसंधान संस्थान ने एमएसीएस 6478 नामक गेहूं की एक ऐसी किस्म
मशरूम की खेती अब पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो रही है. मशरूम की खेती सीधे आजीविका में सुधार कर सकती है. इस का आर्थिक पोषण
गेंदा फूल को शादीब्याह,जन्मदिन, सरकारी व निजी संस्थानों में आयोजित विभिन्न समारोहों के अवसर पर,पंडाल, मंडपद्वार और गाड़ी,सेज आदि सजाने व अतिथियोंके स्वागत के लिए
काला चावल एक औषधीय गुण वाला पौधा है. इस में प्रचुर मात्रा में एंटीऔक्सीडेंट और एंथोसाइन नामक घटक पाए जाते हैं, जो कैंसर, डायबिटीज, दिल
इफको बायोडीकंपोजर एक लाभकारी सूक्ष्म जीवों का समूह है,जो फसल अवशेष, पशुओं केबिछावन, गोबर व दूसरे कचरे को जैविक खाद के रूप में तेजी से
काहे री नलिनी तूं कुम्हलानी।तेरे नाल सरोवर पानी।।जल में उतपति, जल में वास।जल में नलिनी तोर निवास।।न तल तपति न ऊपरि आगि।तोर हेतु कहु कासनि
अकड कर कहता है नमक-मैं तो हूं नमकमैं कभी नहीं बदलता अपनी रायऔर पानी में घुल जाता:इतरा कर कहती है शकर-मैं तो हूं मीठीमीठी ही
अपसूक्तशं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शं योरभिस्रवन्तु न:…-ऋग्वेद : जल ज्योतिर्मय वह आंचल हैजहां खिला-यह सृष्टि कमल हैजल ही जीवन का संबल है।‘आपोमयं’ जगत यह
1. संयुक्त देयता समूह क्यों ?नाबार्ड द्वारा 1992 में शुरू किया गया सहायता समूह-बैंक संयोजन कार्यक्रम आज जनता तक बैंकिग सुविधाएंपहुँचाने के मामले में विश्व
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