गर्मी के मौसम में मषरूम की खेती

गर्मी के मौसम में मषरूम की खेती


भारत में मषरूम की खेती का चलन तेजी से बढ़ रहा है। मषरूम की खेती बूढ़े, बच्चे जवान अपने घर ही में कर सकते हैं।
उ0प्र0 में ओयस्टर मषरूम, बटन मषरूम और मिल्की मषरूम की खेती अच्छी होती है। ओयस्टर मषरूम की खेती मार्च और अप्रेल के बाद नहीं होती है। यह हम गर्मी के मौसम में खेती के लिए उपयुक्त मिल्की मषरूम के बारे में बताने जा रहे हैं।
मिल्की मषरूम की अच्छी पैदावार हेतु तापमान 28-38 डिग्री सेल्सियस और नमी 80 से 90 प्रतिषत हेाना चाहिए। इसकी खेती के लिए एक अन्धेरा कमरा, स्यान यानी बीज, भूसा/कुट्टी (पुआल), हाइड्रोमीटर, स्प्रेइंग मषीन, वजन नापने वाली मषीन, कुटटी काटने वाली मषीन, प्लासिटक ड्रम व षीट, वेबिस्टीन एवं फार्मलीन, प्लास्टिक बैग और रबड़ बैण्ड इत्यादि की जरूरत पड़ती है।
गेंहू का भूूसा या धान का पुआल वर्षा में भीगा नहीं होना चाहिए। सबसे पहले भूसा या पुआल को काटकर जूट या कपड़े की थैलियों में भरकर गर्म पानी में कम से कम 12 से 16 घंटे भिगाकर रखते हैं ताकि भूसा या पुआल पानी को अच्छी तरह से सोख ले। इसके बाद गर्म पानी में इसे डाल देते हैं। इसके बाद फर्ष को धोकर या पालीथीन बिछाकर भूसे को इस पर फैला देते हैं और इसके बाद 2 प्रतिषत फार्मलीन घोल का छिड़काव किया जाता है। ज्यादा मात्रा में भूसा को उपचारित करने पर गर्म पानी वाले विधि में खर्च ज्यादा आता है। रासायनिक विधि में उसके मुकाबले कम खर्च आता है।


रासायनिक उपचार की विधि:-


सबसे पहले सीमेन्ट की नाद या ड्रम में 90 लीटर पानी में 10 कि0ग्रा0 भूसा भिगो दें। एक बाल्टी में 10 लीटर पानी लेकर उसमें 10 ग्राम वेबिस्टीन 05 मि0ली0 फार्मलीन मिलाकर इस घोल को ड्रम में भिगोये गये भूसे में मिला दें। 12 से 16 घंटे बाद ड्रम से भूसा को बाहर निकालकर फर्श पर फैला दें ताकि अतिरिक्त पानी निकल जाए। इसके बाद आपका भूसा दूधिया मशरूम के लिए तैयार हो जाता है।
बुआई के लिए एक कि0ग्रा0 उपचारित भूसा में 40 से 50 ग्राम बीज की जरूरत पड़ती है। 16 से0मी0 चौड़ा और 20 से0मी0 ऊॅचा पी0पी0 बैग में सबसे पहले 1/3 भाग उपचारित भूसा डालकर बीज डालें। इसी तरह से यह क्रिया दो बार दुहरायें। यह प्रक्रिया पूरी होने पर आप पी0पी0 बैग को बांधकर अंधेरे कमरे में रख दें। ध्यान रखें कि 2 से 3 सप्ताह तक तापमान 28 से 38 डिग्री तक रहे और 80-90 प्रतिशत नमी बनाये रखें।
कुछ दिनों बाद आप देखेंगे कि आपका बैग कवक जाल से भर गया। इसके बाद पुराने गोबर के खाद से इस पर केसिंग (छिड़क) दें। केसिंग प्रक्रिया के बाद नमी बनाये रखने के लिए पानी का छिड़काव करते रहें।

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