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पशुओं के गर्मी में आने के लक्षण

 बार-बार रंभाना। पूंछ उठाना। प्रजनन अंगों में सूजन और अधिक रक्तप्रवाह के कारण गुलाबी-लालरंग। प्रजनन अंगों से गाढ़े चिपचिपे और पारदर्शी द्रव का निकलना। बार-बार पेशाब करना । खुराक और दूध का कम होना। पशु का बेचैन होना, दूसरे जानवरों को सूंघना और उन पर चढ़ना।गर्मी में आने के 10-12 घंटे के बाद पशु का …

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पशुओं के लिये पानी का महत्त्व

जल की आवश्यकता  पशु आहार और चारे को पचाने के लिए। पोषक तत्त्वों को शरीर के विभिन्न अंगों तक पहुंचाने के लिए मूत्र द्वारा अवांछित एवं जहरीले (Toxic) तत्त्वों की निकासी के लिये।शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिये आम तौर पर एक स्वस्थ वयस्क पशु एक दिन में लगभग75 से 80 लीटर तक …

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यूरिया मोलासिस मिनरल ब्लॉक- एक पूरक आहार

जुगाली करने वाले पशुओं के पेट में एक विशेष थैली होती है जिसमेंकरोड़ों की संख्या में लाभदायक जीवाणु होते हैं, जो आहार के रेशों कोपचाने में सहायता करते हैं। हरे चारे की कमी के समय जब पशु कोसूखा चारा देते है, तब इस ब्लॉक के पोषक तत्त्व जीवाणुओं की बढ़ोत्तरीमें सहायक होते हैं जिससे पशुओं …

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खनिज मिश्रण खिलाने का महत्त्व

पशुके शरीर की आंतरिक क्रियाओं को सुचारू रूप से कार्य करने हेतुउसके आहार में खनिज लवणों कीउचित मात्रा का महत्त्वपूर्ण योगदानहै। खनिज मिश्रण में सभी तत्वआवश्यक मात्रा में उपलब्ध रहते हैं।इसके खिलाने के निम्नलिखितलाभ है बछड़े बछियों की वृद्धि में सहायक है। पशु द्वारा खाए गये आहार को सुपाच्य बनाता है। दुधारू पशु के दूध …

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बाइपास-प्रोटीन पशुआहार खिलाने का महत्त्व

शरीर के विकास तथा दुग्ध उत्पादन हेतु प्रोटीन की महती आवश्यकता होती है। सामान्यतः आहार मेंउपलब्ध प्रोटीन का अधिकांश हिस्सा पेट की पहली थैली में ही टूट जाता है। बाइपास पशुआहार कीप्रोटीन का अधिकांश भाग पेट की पहली थैली में न टूट कर आगे बढ़ जाता है जिससे पशु उसकाउपयोग बेहतर तरीके से करता है। …

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संतुलित पशुआहार का दुग्ध-उत्पादन में महत्व

दुग्ध संघो द्वारा उत्पादित पशु दाना एक संतुलित आहार है, इसमें पशुओं के लिये आवश्यक सभी पोषक तत्त्व उचित अनुपात में मौजूद होते हैं।पशु दाने के निर्माण में उत्तम गुणवत्ता के अनाज, तेल खली, ग्वारमील,भूसी, शीरा, नमक, खनिज लवण तथा विटामिनों का प्रयोग किया जाता है। यह मॅहगा नहीं होता और पशु इसे चाव से …

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हरे चारे का दुग्ध उत्पादन में महत्त्व

पशुओं को स्वस्थ रखने तथा उनका दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए हरा चारा अति आवश्यक है। पशु इसे चाव से खाते और आसानी से पचाते है। हरे चारे में वांछित विटामिन-ए और खनिज अधिक मात्रा में होते है। जो पशु की प्रजनन शक्ति के लिये महत्त्वपूर्ण है, इससे पशु समय से गर्मी में आता है और दो …

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पशुओं को आहार देने के नियम

सामान्यतः एक वयस्क जानवर को प्रतिदिन 6 किलो सूखा चारा और 15-20 किलो तक हरा चारा खिलाना चाहिये। फलीदार (Legume) और बिना पालीदार (non-legume) हरे चारे को समान अनुपात में मिलाकर खिलाना चाहिये। हरे चारे की फसल को जब आधी फसल में फूल आजाए तब काटकर खिलाना उपयुक्त होता है। अतिरिक्त हरे चारे को सुखाकर …

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