राष्ट्रपति ने देश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से सड़क सुरक्षा
के लिये कठोर प्रावधानों वाले मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2019 को मंजूरी दे दी
है। अधिनियम में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से बेहद कठोर प्रावधान
रखे गए हैं। इस अधिनियम में केंद्र सरकार के लिये मोटर वाहन दुर्घटना कोष के गठन
की बात कही गई है जो भारत में सड़क का उपयोग करने वालों को अनिवार्य बीमा
कवर प्रदान करेगा। इस अधिनियम में यातायात के नियमों के उल्लंघन पर भारी
जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है।
अधिनियम के प्रमुख बिंदु
- सड़क दुर्घटना के पीडितों को मुआवजा : केंद्र सरकार गोल्डन आवर’ के
दौरान सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों का कैशलेस उपचार करने की एक योजना
विकसित करेगी। अधिनियम के अनुसार, ‘गोल्डन आवर घातक चोट के बाद की
एक घंटे की समयावधि होती है जब तत्काल मेडिकल देखभाल से मृत्यु से बचाव
की संभावना सबसे अधिक होती है। केंद्र सरकार थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के अंतर्गत
मुआवजे का दावा करने वालों को अंतरिम राहत देने के लिये एक योजना भी बना
सकती है। अधिनियम में हिट एंड रन के मामलों में न्यूनतम मुआवजे को बढ़ा दिया
गया है:-
(i) मृत्यु की स्थिति में 25,000 रुपए से बढ़ाकर 2,00,000 रुपए और
(i) गंभीर चोट की स्थिति में 12,500 से बढ़ाकर 50,000 रुपए। - गुड समैरिटन (Good Samaritans): अधिनियम के अनुसार, गुड समैरिटन वह
व्यक्ति है जो दुर्घटना के समय पीड़ित को आपातकालीन मेडिकल या नॉन मेडिकल
मदद देता है। यह मदद सद्भावना पूर्वक, स्वैच्छिक और किसी पुरस्कार की अपेक्षा
के बिना होनी चाहिये। अगर सहायता प्रदान करने में लापरवाही के कारण दुर्घटना
के शिकार व्यक्ति को किसी प्रकार की चोट लगती है या उसकी मृत्यु हो जाती है तो
गुड समैरिटन किसी दीवानी या आपराधिक कार्रवाई के लिये उत्तरदायी नहीं होगा। - वाहनों को रीकॉल करना : अधिनियम केंद्र सरकार को ऐसे मोटर वाहनों को
रीकॉल (वापस लेने) करने का आदेश देने की अनुमति देता है, जिसमें कोई ऐसी
खराबी हो जो कि पर्यावरण या ड्राइवर या सड़क का प्रयोग करने वालों को
नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसी स्थिति में मैन्युफैक्चरर को (i) खरीदार को वाहन
की पूरी कीमत लौटानी होगी, या (ii) खराब वाहन को दूसरे वाहन जो कि समान
या बेहतर विशेषताओं वाला हो, से बदलना होगा। - अपराध और दंड:- अधिनियम में विभिन्न अपराधों के लिये दंड को बढ़ाया गया है। उदाहरण के
लिये शराब या ड्रग्स के नशे में वाहन चलाने पर अधिकतम दंड 2,000 रुपए से बढ़ाकर
10,000 रुपए कर दिया गया है। अगर मोटर वाहन मैन्युफैक्चरर मोटर वाहनों के
निर्माण या रखरखाव के मानदंडों का अनुपालन करने में असफल रहता है तो अधिकतम
100 करोड़ रुपए तक का दंड या एक वर्ष तक का कारावास या दोनों दिये जा सकते
हैं। अगर कॉन्ट्रैक्टर सड़क के डिजाइन के मानदंडों का अनुपालन नहीं करता तो उसे
एक लाख रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
अपराध एवं जुर्माने का प्रावधान :
अपराध | जुर्माना पहले (रुपए में) | जुर्माना अब (रुपए में) |
सीट बेल्ट नहीं पहनने पर | 100 | 1000 |
दुपहिया वाहनों पर 2 से ज्यादा सवारी | 100 | 1000 |
इमरजेंसी वाहनों को रास्ता नहीं देने पर | 0 | 10000 |
हेलमेट नहीं पहनने पर | 100 | 1000 एवं तीन महीने के लिये लाइसेंस निलंबित |
बिना ड्राइविंग लाइसेंस के ड्राइविंग करने पर | 500 | 5000 |
ड्राइविंग लाइसेंस रद्द होने के बावजूद ड्राइविंग करने पर | 500 | 10000 |
ओवरस्पीड | 400 | 2000 |
खतरनाक ड्राइविंग करने पर | 1000 | 5000 |
ड्राइविंग के दौरान मोबाइल फोन पर बात करने पर | 1000 | 5000 |
बिना परमिट पाए जाने पर | 5000 | 10000 |
गाड़ियों की ओवरलोडिंग पर | 2000 और उसके उसके बाद प्रति टन 1000 | 20000 और उसके उसके बाद प्रति टन 2000 |
बिना इंश्योरेंस के गाड़ी चलाने पर | 1000 | 2000 |
नाबालिग द्वारा गाड़ी चलाने पर | 0 | 25000 और 3 साल की सजा, वाहन का रजिस्ट्रेशन रद्द और गाड़ी के मालिक तथा नाबालिग के अभिभावक दोषी माने जाएंगे, नाबालिग को 25 साल की उम्र तक लाइसेंस नहीं |