शरीर के विकास तथा दुग्ध उत्पादन हेतु प्रोटीन की महती आवश्यकता होती है। सामान्यतः आहार में
उपलब्ध प्रोटीन का अधिकांश हिस्सा पेट की पहली थैली में ही टूट जाता है। बाइपास पशुआहार की
प्रोटीन का अधिकांश भाग पेट की पहली थैली में न टूट कर आगे बढ़ जाता है जिससे पशु उसका
उपयोग बेहतर तरीके से करता है। यह दो तरह से तैयार होता है – एक. खाद्य पदार्थो मिश्रण में
फेर बदल करके और दूसरा उपचारित करके इसे बाइपास प्रोटीन खिलाने के निम्नलिखित लाभ हैं।
- कम पैसे में अधिक पौष्टिक
आहार मिलता है। - बाइपास प्रोटीन की उपयोगिता
बढ़ जाती है। - शारीरिक वृद्धि एवं अधिक दुग्ध
उत्पादन में सहायक होता है। - अधिक दूध देनेवाले पशु की
- आवश्यकता को बाइपास प्रोटीन वाले आहार की कम मात्रा देकर भी
पूरा किया जा सकता है। - संतुलित पशुआहार के स्थान पर बाइपास प्रोटीन पशुआहार मात्र
70 प्रतिशत ही खिलाना पड़ता है। - यदि बाईपास प्रोटीन पशुआहार उपलब्ध न हो तो 8 से 12 लीटर दूध
देने वाले पशु को उपचारित बाइपास प्रोटीन पशुआहार 1 किलो
प्रतिदिन (आधा किलो सुबह और आधा किलो शाम) संतुलित पशुआहार
की पूर्व में बताई गयी मात्रा के साथ देना उपयुक्त रहता है।
बाइपास प्रोटीन पशुआहार खिलायें
कम लागत पर दुग्ध उत्पादन बढ़ायें।