- यह एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है।
- यह एक स्वैच्छिक एवं अंशदान आधारित पेंशन योजना है, जिससे देश के सभी
छोटे एवं सीमांत (Marginal) किसान लाभान्वित होंगे। - इस योजना के अंतर्गत प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता ‘पीएम-किसान
योजना के तहत प्रदत्त सहायता के अतिरिक्त होगी। - किसानों के लिए इस योजना में शामिल होने की आयु 18-40 वर्ष निर्धारित है।
- 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर 3000 रु. की न्यूनतम निर्धारित पेंशन दिए जाने का प्रावधान है।
- इस योजना के पात्र किसान द्वारा किए गए अंशदान के बराबर राशि ही केंद्र
सरकार पेंशन निधि में जमा कराएगी। - पेंशन प्राप्त करने के दौरान लाभार्थी किसान की मृत्यु होने की स्थिति में उसका
पति/पत्नी पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने का हकदार होगा और इस स्थिति में उसे
लाभार्थी द्वारा प्राप्त की जा रही 50 प्रतिशत राशि पेंशन के रूप में प्राप्त होगी। - अंशदान करने की अवधि के दौरान ही अंशदानकर्ता की मृत्यु होने की स्थिति में
उसके पति/पत्नी के सामने नियमित अंशदान भुगतान द्वारा योजना को जारी
रखने का विकल्प खुला होगा। - इस योजना की एक खास बात यह है कि लाभार्थी किसान ‘प्रधानमंत्री किसान
निधि’ (PM-KISAN) योजना से प्राप्त लाभ से सीधे ही इस योजना में अपना
मासिक अंशदान करने का विकल्प चुन सकता है। - यह एक नवोन्मेषी योजना है, जिसके अंतर्गत किसानों को सामाजिक सुरक्षा कवर
उपलब्ध कराने हेतु केंद्र सरकार 3 वर्ष की अवधि में अपने अंशदान के रूप में
10774.50 करोड़ रु. व्यय करेगी।
पीएम-किसान में विस्तार : - वर्तमान निर्णय के तहत किसानों के लिए अधिकतम दो हेक्टेयर तक की कृषि योग्य
भूमि के स्वामित्व की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है। - इस प्रकार, अब संशोधित योजना लगभग 2 करोड़ और किसानों को आच्छादित
(Cover) करेगी। - इससे पीएम-किसान योजना के दायरे में अब कुल 14.5 करोड़ लाभार्थी शामिल हो
जाएंगे। - इस योजना के तहत पात्र कृषक परिवारों को प्रति वर्ष 6000रु. की आर्थिक
सहायता आधार से जुड़े बैंक खातों में चार-चार माह की तीन किश्तों में
उपलब्ध कराई जाएगी। - राज्य तथा केंद्रशासित प्रदेश पात्र लाभार्थियों के चयन हेतु उत्तरदायी होंगे।
- यह योजना शत-प्रतिशत केद्र पोषित योजना के रूप में लागू की गई है।
- अब सभी भूमि जोत वाले पात्र किसान परिवार इस योजना से लाभान्वित हो सकेंगे।