प्रेरणा पुरूष

श्री वी0 वैद्यनाथन

प्रेरणा पुरूष
श्री वी0 वैद्यनाथन
प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी
आई0डी0एफ0सी फर्स्ट बैक
केन्द्रीय विश्वविद्यालय से आपनी प्रारम्भिक पढ़ाई तथा बिड़ला इंस्टिट्यूट ऑफ टेक0, रॉची से बी0टेक0 की पढ़ाई के बाद आप पहले भारतीय वायुसेना में फाइटर पायलट बनना चाहते थे, लेकिन मेडिकल टेस्ट मे बात नही बनी, तो बैक में नौकरी कर ली। सिटी बैंक कन्ज्यूमर बैकिंग में 1990-2000 तक कार्यरत थे। फिर आईसीआईसीआई बैक में 2000-2009 के मध्य कार्य किया। आईसीआईसीआई बैक मे अपनी जिम्मदारी का निर्वहन करते हुये 1411 बैक शाखा और 2.8 करोड़ ग्राहक जोड़े। साथ ही सेंविग खाता और करेन्ट खाता (ब्।ै।) और खुदरा जमा फेन्चाइजी बनाने का महत्वपूर्ण कार्य किया। खुदरा उधारी को आपने बढ़ाकर 1.35 लाख करोड़ पहुॅचा दिया। वर्ष 2006 में आप आईसीआईसीआई बैक के बोर्ड में पहुॅचें, वह भी 38 वर्ष की उम्र में 01 वर्ष 2009 में आपने आईसीआईसीआई प्रुडेशियल लाइफ इश्योरेन्स कंपनी के एम0डी0 व सी0ई0ओ0 बने।
वर्ष 2010 मे आपने आईसीआईसीआई ग्रुप की नौकरी छोड़कर कैपिटल फर्स्ट कंपनी से जुड़ गये, जो उपभोक्ता व एम0एस0एम0ई0 को कर्ज उपलब्ध कराता था। वर्ष 2010 से 2018 के मध्य आप कंपनी का लोनबुक 10 गुना बढ़ाकर 29600 करोड़ कर दिया। ग्रास एन0पी0ए0 को घटकार 5.28 प्रतिशत से कम कर 1.94 प्रतिशत कर दिया और नेट एन0पी0ए0 को 3.6 प्रतिशत से घटाकर 01 प्रतिशत कर दिया और 70 लाख ग्राहक जोड़े। कंपनी की क्रेडिट रेटिंग ए$ से एएए करवा दिया और मार्केट कैप रू0 780 करोड़ से बढ़ाकर 8200 करोड़ हो गया।
यह सब कार्य मानव के अद्भुत क्षमता का घोतक है। फिर अपनी कंपनी का विलय दिसम्बर 2018 में आई0डी0एफ0सी फर्स्ट बैंक के साथ करकें इसके एम0डी0 एवं सी0ई0ओ0 बने, तब से आपने बैक के खुदरा ऋण को 13.16 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत, (ब्।ै।) रेशियों को 8.65 प्रतिशत से बढ़ाकर 51.28 प्रतिशत, (छप्ड) को 1.65 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.76 प्रतिशत कर दिया है। आप इस बैक को भारतवर्ष का विश्वस्तरीय रिटेल बैक बनाने को प्रयासरत है। बैक के पास सम्प्रति 01 करोड़ से अधिक ग्राहक हे और 1.17 लाख करोड़ के आस-पास लोनबुक है
मुख्य बात/संदेश
1. इण्टर की पढाई के बाद रांची में इंजिनियरिंग में प्रवेश हेतु इण्टरव्यू के लिये पैसे नही होने के कारण इनके गणित के अध्यापक श्री सैनी ने रू0 500/- दियें थे, जिसका कृतज्ञता ज्ञापन ढूढ़कर कई साल बाद श्री वैद्यनाथन ने किया था।
2. पहले तमाम चैरिटेबल संस्थाओं को फण्ड जुटाने हेतु आप गायन-वादन का कार्यक्रम आयोजित करते थे, अब यही कार्य आप अपने बैंक के कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व फण्ड से करते है।
3. आप जमीन और सामाजिक सराकारों से जुड़े करूणायुक्त पुरूष है आपका मानना है कि सफलता की प्राप्ति असफलता की सीढ़ियों से गुजरती है। संघर्ष और प्रयास जारी रहे।