प्रेरणा पुरूष
श्री नटराजन चन्द्रशेखरन
प्रेरणा पुरूष
श्री नटराजन चन्द्रशेखरन
श्री नटराजन चन्द्रशेखरन का जन्म 02 जून 1963 को एक सामान्य कृषक परिवार में हुआ था। श्री चन्द्रशेखरन ने नेशनल इस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी, तिरूचिरापल्ली से इंजीनियरिग करने के पश्चात वर्ष 1987 में टाटा कन्सन्टलिग सर्विसेस (टीसीएस) में इंजिनियर के पद पर कार्य प्रारम्भ किया। वर्ष 2017 में श्री चन्द्रशेखरन टाटा ग्रुप के चेयरमैन बनाये गये। इसके पहले टाटा ग्रुप के चेयरमैन श्री रतन टाटा थे।
श्री चन्द्रशेखरन नियमित दौड़ लगाकर अपने स्वास्थ्य और दिनचर्या को संतुलित बनाते है। कारपोरेट मैराथन रनर में आप अभी भी भाग लेते है।
टाटा ग्रुप के पास वर्तमान समय में 100 से अधिक कम्पनियॉ है। वर्ष 2017 से ग्रुप चेयरमैन का पदभार संभालने के बाद आपने सभी कम्पानियों का पुनर्संरचना करते हुए इनको बाजार की अग्रणी कंपनी की स्थिति में पहुॅंचा दिया। वर्ष 2017 से मार्च 2021 के मध्य आपने टाटा ग्रुप की कम्पनियों का बाजार पूॅजीकरण दो गुना करके 17 लाख करोड़ पहुॅचा दिया। आपने टेक्नोलॉजी -आर्टिफीसियल इंटेलिजेन्स, क्लाउड इत्यादि का उपयोग करते हुये इलेक्ट्रिकल गाड़ी बनाकर टाटा मोटर्स का कर्ज 22 हजार करोड़, रूपये टाटा स्टील का कर्ज 29 हजार करोड़ रूपये कम कर दिया। इस प्रकार ग्रुप का समेकित शुद्ध कर्ज शून्य कर दिया, अर्थात टाटा ग्रुप के यहॉं जितना कर्ज है, उतना ही नगद बैक मे । श्री चन्द्रशेखरन को डुबती हुई कंपनी को बचाने की महारत हासिल हो गयी है। इसी कारण भी लोग आपको ‘‘टर्नएराउण्ड मास्टर‘‘ की पदवी देते है। टाटा समूह की सारी कंपनियों का स्वामित्व टाटा ट्रस्ट में है, जो अपने होल्डिंग कंपनी – ’’टाटा सन्स’’ के माध्यम से समूह की कंपनियॉं का नियंत्रण और संचालन करती है। टाटा समूह के सभी कंपनियों के लाभांश की धनराशि अन्ततः टाटा ट्रस्ट को प्राप्त होता है, जो सामाजिक, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा क्षेत्र में व्यय होता है।
उपर्युक्त कार्यो की वजह श्री रतन टाटा और उनके मानस मैनेजर श्री चन्द्रशेखरन को हमारी संस्था का शत-शत प्रणाम।
सभी लोगों को टाटा समूह के मूल्य, आदर्श और संस्कार को अंगीकार करते हुये आगे बढ़ना चाहिए। अभी हाल में श्री चन्द्रशेखरन ने 8000 करोड़ रूपये का ’’विग बास्केट’’ में निवेश किया है, जो आनलाइन ग्रासरी, खाद्य सामान, फल-सब्जी इत्यादि बेचती है। टाटा ग्रुप अभी दुनिया की सबसे अच्छी-’’सुपर एप’’ का निर्माण कर रही है, जिसका उपयोग विपणन एवं अन्य कार्यो हेतु किया जायेगा।
सबसे बड़ी बात हे कि भारतवर्ष मे चिप नही बनती है। बिना चिप के कोई भी मोबाइल, कम्प्यूटर, जहाज, मोटर, इंजन नही चलता है।
श्री चन्द्रशेखरन ने सेमीकनडक्टर (चिप) की फैक्टरी लगाने की घोषणा की है, जो भारतवर्ष के लिये गौरव की बात है। इस प्रकार एक किसान पुत्र भारतपुत्र बन गया।